Bharat, Bharatiya Sanskṛuti aur uski Anmol Dharohar
समाज, संस्कृति और साहित्य' वरिष्ठ साहित्यकार त्रिवेणी प्रसाद दूबे 'मनीष' की चौथा संग्रह है। इस संग्रह में कुल चौदह निबंध-लेख हैं। 'समाजवाद का सच' से प्रारंभ होता हुआ और साहित्य के उद्देश्य को रेखांकित करता हुआ यह 'सोशल मीडिया में साहित्य-लाभ और हानि' के विश्लेषण के उपरांत इस तथ्य का भी आकलन करता है की 'आज का पाठक आखिर क्या पढ़ना चाहता है।' इसमें 'किसान कौन' की प्रेक्षा भी है और मुंशी प्रेमचंद कि पाॅंच कालजयी कहानियों की विशेषताओं का भी समावेश है। अनुमव, अध्ययन, साहित्यिक विचार-विमर्श और मौलिक चिन्तन के आधार पर लिखे गये ये सभी लेख निश्चित रूप से विद्यार्थियों एवं गद्य-लेखों के प्रेमियों को आनंदित करने के अतिरिक्त उनका ज्ञानवर्द्धन भी करेंगे।