Samarpan
मेरे लिखने का उद्देश्य यह है कि आज की युवा पीढ़ी मोबाईल व अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में व्यस्त रहती है। लिखने के साथ-साथ उसके सोचने की क्षमता व उसके शब्द कोष में साहित्यिक शब्दों का आकाल पड़ते जा रहा है। जो भारत व यहाँ की संस्कृति के लिए घातक है जब कोई लेखन कार्य करता है। तो हाथ के साथ-साथ उसका मस्तिष्क भी उसी गति से विचार करता है। अतः सभी को लेखन का कार्य अवश्य करना चाहिए मैं एक सामान्य शिक्षक जब लिखने की कोशिश कर सकता हूँ तो आप लोग तो युवा है। आपमें एक नई ऊर्जा है। ईश्वर ने आपको सर्वगुणी बनाया है अतः आप लोग भी लेखन में ध्यान दे। जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमारे अंदर आशा विश्वास व कर्तव्य के प्रति समर्पण का भाव होना चाहिए, पुस्तक में लिखी हर कहानी व कविता आपको अपने कर्तव्य क्षेत्र के समर्पण का भाव जागृत करेगा। -रावेन्द्र पाण्डेय