26 बार निरंतर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे साफ़ सुथरी ईमानदार छवि के स्वामी शामली (उ-प्र.) निवासी स्व. बाबू कौशल प्रसाद जी के अदभुत व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित ग्रन्थ है "कौशल प्रसाद: कंटक पथ पर नंगे पाँव' जिसका कुशल संपादन किया है उनकी होनहार सुपुत्रियों कवयित्री-लेखिका डा. शिखा कौशिक एवं एडवोकेट शालिनी कौशिक ने.....इस पुस्तक में उन्होंने अपने पिता के सन्दर्भ में पूरी जानकारी और समाज के प्रति उनके समर्पण भाव को दर्शाया है जो नि;संदेह सार्थक सिद्ध होगा .....एक झलक देखिये ........बाबु जी का पूरा जीवन ईमानदारी का पर्याय है। निजी जीवन हो या पेशेवर और सार्वजनिक जीवन, उन्होंने किसी के साथ कपटपूर्ण आचरण नहीं किया। एक अधिवक्ता के जीवन में ईमानदारी अपने मुवक्किल के पक्ष में बिना किसी विपक्ष के रुतबे, पैसे के दबाव में आए खड़ा रहना होता है और बार एसोसिएशन कैराना के अध्यक्ष के रूप में छब्बीस साल तक बार फंड के उचित व्यय के रूप में भी प्रदर्शित होती है । निजी जीवन में कभी किसी से उधार न लेने के रूप में भी बाबू कौशल प्रसाद जी ने ईमानदारी को अपनाया। इस सन्दर्भ में एक उदाहरण ही पर्याप्त है। पुत्र शरद कौशिक बाजार से वेद प्रकाश जैन की दुकान से घी खरीद कर लाया करता था। एक बार बाबू जी को ज्ञात हुआ कि शरद घी के पैसे चुकाकर नहीं आया है। उन्होंने तुरंत शरद को पैसे चुकाकर आने के लिए कहा। वास्तव में ईमानदारी बोलकर बताने की बात नहीं होती, यह आपके आचरण से प्रकट होती है।
Book Details
- Country: US
- Published: 2023-01-01
- Publisher: Uttkarsh Prakashan
- Language: hi
- Pages: 332
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