"" तेरे दिल तक पहुंचे मेरे दिल के ज़ज्बात
बस इसी मकसद से हाथ ने कलम पकड़ी
पर अफसोस कभी एहसास के पन्ने काम पड गये
कभी ज़ज्बात की स्याही सूख गयी........ ""
ज़ज्बात ए दिल ये सिर्फ एक किताब नहीं है, ये दिल के अनकहे और उन अधूरे ख्वाब है जो कभी बया नहीं हुए, जो कभी ना कभी वो कहना चाहतें थे मगर कभी कहा नहीं पाए....कभी वक़्त नहीं था और कभी हम कहने की हिम्मत नहीं बटोर सके....इस किताब के खाली और अधूरे पन्नो मे हमारे सभी लेखकों ने अपने सीने मे दफन जज़्बातों को बखूबी अपने तरीके से बया करने की कोशिश की है | हमे आशा और उम्मीद है कि हमारे द्वारा किया गया यह छोटा सा प्रयास पाठको के हृदय एवं भावों को छूने वा जगाने का सफल प्रयास करेगा |
न निकाह है न फेरे है,
बस एहसासों से हम तेरे है ...