“यह पुस्तक मेरे आदर्श, मेरे गुरु, मेरे मित्र, मेरे भगवान स्वरूप पिताजी को समर्पित है। पिताजी के जीवन मूल्य, आदर्श, विनम्रता और दुनिया को देखने के नजरिए ने मेरे जीवन को नया आयाम दिया। पिताजी के जाने के बाद पिताजी के आदर्शों ने मुझे प्रेरणा दी। इसी प्रेरणा ने मुझे सर्वप्रथम Educational Consultant & Teacher बनाया। पिताजी की विनम्र भाषा और व्यवहार से प्रेरणा लेकर मैंने STEP EDUCATION HUB ( Educational Institution) की नींव रखी। जिसमें अंको को नहीं ज्ञान को प्राथमिकता बना कर मैंने इसे आगे बढ़ाया। आज पिताजी के इन्हीं प्रेरणा स्रोतों के सहारे अपनी पहली पुस्तक S.E.H. Science Class 10th अपने देव तुल्य पिताजी को समर्पित करता हूं। और भविष्य में समाज के प्रति हर क्षेत्र में किया गया किसी भी प्रकार का परोपकार या समाज परक कार्य पिताजी को समर्पित और उन्हें प्रेरणा स्त्रोत मानकर करूंगा
“”जीवन की कठिनाईयों से लडना मुझे सिखाया है।
इस जीवन में जो भी हूं मुझे अपने बनाया है।।”””